अम्बिकापुर

Surguja University News: इस यूनिवर्सिटी के कुलपति पर महिला टीचर ने लगाए गंभीर आरोप, महिला आयोग तक पहुंचा मामला

Surguja University News: संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय की अतिथि शिक्षिका एक महिला ने महिला आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करायी है, जिसमें उसने कहा है.....

अंबिकापुर,Surguja University News: सरगुजा के संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में पदस्थ एक अतिथि शिक्षक ने विश्वविद्यालय के कुलपति पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. मामले की शिकायत महिला आयोग से की गई है। उधर, कुलपति महिला के आरोपों को झूठा बता रहे हैं। इन सबके बीच महिला आयोग अध्यक्ष अगली सुनवाई में इस पर फैसला लेने की बात कर रही हैं.

Surguja University News: संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय की अतिथि शिक्षिका एक महिला ने महिला आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करायी है

जिसमें उसने कहा है कि कुलपति मुझे गंदी औरत कहते हैं, मेरी छवि खराब करना चाहते हैं और मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं. महिला का आरोप है कि कुलपति अपने परिचित एक शिक्षक को नियमों के विरुद्ध यहां लाए थे और जब उन्होंने इसका विरोध किया तो कुलपति प्रोफेसर अशोक सिंह नाराज हो गए और उनके खिलाफ लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की कार्रवाई करने लगे.ऐसे में अब महिला शिक्षिका ने महिला आयोग से मामले में न्याय की गुहार लगाई है।महिला शिक्षिका के आरोपों के बाद विवि ने हड़कम्प मच गया है। वहीं जब कुलपति का पक्ष जानना चाहा तो कुलपति ने इन सारे आरोपों को ही झूठा बता दिया। शिक्षिका के आरोपों पर कुलपति का कहना है कि शिक्षिका के आरोपों का जवाब वो महिला आयोग के समक्ष देंगे। मगर उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को एक सिरे से खारिज कर दिया।इधर महिला आयोग की सुनवाई में कुलपति नहीं पहुंच सके, साथ ही महिला आयोग का कहना है कि महिला के आरोप क्या हैं और कुलपति का पक्ष क्या है जानने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। अब मामले की सुनवाई महिला आयोग ने रायपुर में करने की बात कही है।महिला के आरोपो में कितनी सच्चाई है। महिला आयोग की सुनवाई में क्या फैसला आता है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। मगर जिस तरह से कुलपति पर एक महिला शिक्षिका ने जो आरोप लगाए हैं वो बेहद गंभीर हैं। जिससे विवि एक बार फिर सुर्खियों में जरूर आ गया है।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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